लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सूर घनाक्षरी विधान,२- हिन्दी हमारी शान 3- शिक्षक समाज का दर्पण, 4-श्रद्धेय
वर्णमाला
एक एक फूल सजा बनती है फूलों की माला,
वावन वर्णों से सज बनती हिंदी की वर्णमाला।
ग्यारह स्वर सजते हैं सुंदर, मात्राओं का सार,
हृस्व में एक दीर्घ में दो होता है मात्रा का भार।
तीसरा स्वर होता है प्लुत स्वर संस्कृत में प्रयुक्त,
हृस्व में कम दीर्घ दूना प्लुत में और अधिक भुक्त।
अं अ: दो अयोगवाह हैं अनुनासिक अनुस्वार ,
पांच वर्ग में पच्चीस व्यंजन स्पर्श का हैंआधार।
तत्पश्चात जो अंतस्थ व्यंजन य, र, ल, व, हैं आते ,
श ष स ह ऊष्म व्यंजन घर्षण कर ऊष्मा है उपजाते।
क्ष त्र ज्ञ श्र अक्षर संयुक्त हो संयुक्त अक्षर कहलाते,
प्रथम पाठ व्याकरण का संयुक्त हो जुड़ना सिखलाते।
ढ़ ड़ दो नव विकसित व्यंजन ल को लुंठित कहते,
ध्वनियों का उद्गम विकास भारोपीय भाषा से कहते।
ध्वनि की सबसे छोटी इकाई वर्ण तोड़ नहीं सकते,
लिपि देवनागरी है हमारी जिसमें हम सब लिखते ।
उच्चारण स्थान जीभ के अग्रभाग स्पर्श से होता,
क कंठ्य, च तालु, ट मूर्द्धा त दंत्य प ओष्ठ होता।
स्वर और व्यंजन मिल गद्य पद्य में रचते इतिहास,
'अलका' भी वर्णों से खेल कुछ लिख देती है खास।
अलका गुप्ता'प्रियदर्शिनी'
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।
Swati chourasia
10-Sep-2022 12:19 PM
बहुत ही बेहतरीन 👌👌👌👌👌👌
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Supriya Pathak
08-Sep-2022 11:46 PM
Achha likha hai 💐🙏
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आँचल सोनी 'हिया'
08-Sep-2022 09:32 PM
Achha likha h
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